tag:blogger.com,1999:blog-5473248461039970222.post1197890885881015748..comments2023-07-26T06:54:04.989-07:00Comments on मन कही (नवीन समाचार): मेरा अमेरिका-मेरा भारत: मेरी नैनीताल से नैनी यात्राडॉ. नवीन जोशी http://www.blogger.com/profile/00241771195794155961noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-5473248461039970222.post-11749442990050333192014-01-14T09:10:16.360-08:002014-01-14T09:10:16.360-08:00बिलकुल सही कह रहे हैं शलभ सक्सेना जी..बिलकुल सही कह रहे हैं शलभ सक्सेना जी..डॉ. नवीन जोशी https://www.blogger.com/profile/00241771195794155961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5473248461039970222.post-48953908549666878352013-12-18T04:58:56.658-08:002013-12-18T04:58:56.658-08:00This info is invaluable. Where can I find out more...This info is invaluable. Where can I find out more?<br /><br /><br />my blog post :: activar corel draw x5 - <a href="http://mobdigger.com/story.php?title=free-corel-draw-x6-keygen-tutorial" rel="nofollow">mobdigger.com</a> -Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5473248461039970222.post-82145348144464889892013-10-12T04:21:57.876-07:002013-10-12T04:21:57.876-07:00नवीन जी, मेरा अधिकतर बचपन काशीपुर में बीता। इसलिए ...नवीन जी, मेरा अधिकतर बचपन काशीपुर में बीता। इसलिए नैनीताल घूमने भी अक्सर आना-जाना होता था। तब की यादें अभी तक मस्तिष्क में ताजा हैं। बड़े होने पर दो-तीन बार ही जाना हुआ है। आखिरी बार 2011 में गया था। तब से ज्यादा कुछ तो नहीं बदला है, लेकिन एक बात खटकने वाली लगी। पहाड़ी पर्यटन स्थलों के विकास के नाम पर जिस तरह जंगल और पहाड़ काट कर महंगे होटल, रिजाॅटर््स और अपार्टमेंट बनाए जाने लगे हैं, उससे पहाड़ों की असली सुन्दरता और चमक कहीं खोती जा रही है। केदारनाथ आपदा के जरिए प्रकृति इंसान को कड़ी चेतावनी दे भी चुकी है। लेकिन सबसे ज्यादा खटकने वाली बात जो लगी, वह यह है कि, मेट्रो और बड़े शहरों से आने वाले पर्यटकों की सुविधाओं के नाम पर फन पार्क, फूड विलेज, अत्याधुनिक झूले आदि मनोरंजन व भोगविलास के साधनों का जमावड़ा किया जा रहा है, जैसे कि स्नोव्यू पीक पर भी है और मसूरी में भी कई स्थानों पर है; वह भी पहाड़ों की सूरत बिगाड़ने और शान्ति भंग करने का ही काम कर रहा है। जबकि आमतौर पर पर्यटक जिस शान्ति और सुकून की तलाश में पहाड़ों पर जाता है, तो उसे पहाड़ी मिजाज का अहसास कराने जैसी व्यवस्थाएँ ही होनी चाहिए। जिससे वे पहाड़ी निवासियों के रहन-सहन, स्थानीय खानपान, लोकसंस्कृति आदि से परिचित हो सकें। पहाड़ी रास्तों व पगडंडियों पर ऊपर-नीचे चढ़ने-उतरने के रोमांच की अनुभूति कर सकें। नदी-नालों पर बने लकड़ी के पुलों पर लड़खड़ाते-गिरते-पड़ते पार करने का मजा ले सकें। चोटियों पर आराम से बैठकर घाटियों-नदियों के विहंगम दृश्यों को घंटो निहार सकें। रोपवे हों भी तो ऐसे कि महज पर्यटन स्थानों पर ही सीमित न हों, बल्कि दूर-दराज के गाँवों तक पहुँच वाले हों ताकि उनका सम्पर्क और आनाजाना आसान हो सके। तभी हम पहाड़ों पर पर्यटन का असली आनन्द ले सकते हैं। सरकारी संगठनों और सम्बन्धित संस्थओं को भी इस दिशा में गंभीरता से सोचना होगा।<br />- शलभ सक्सेना, आगराAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5473248461039970222.post-69865947958659703002011-11-01T06:14:44.390-07:002011-11-01T06:14:44.390-07:00HiHiडॉ. नवीन जोशी https://www.blogger.com/profile/00241771195794155961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5473248461039970222.post-35936820668915289582011-10-29T01:44:49.039-07:002011-10-29T01:44:49.039-07:00hellohelloPantolahttps://www.blogger.com/profile/02668525719398611377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5473248461039970222.post-1191197640507809852011-08-02T07:17:08.109-07:002011-08-02T07:17:08.109-07:00सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद ...आभारसभी का बहुत-बहुत धन्यवाद ...आभारडॉ. नवीन जोशी https://www.blogger.com/profile/00241771195794155961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5473248461039970222.post-19338002146418014452011-08-01T21:42:43.080-07:002011-08-01T21:42:43.080-07:00very nice naveen ji.very nice naveen ji.mukul bhattnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5473248461039970222.post-52497596685173564462010-07-25T07:37:57.332-07:002010-07-25T07:37:57.332-07:00अति सुन्दर...भौते भल छ...एशिके लिखते रया...अति सुन्दर...भौते भल छ...एशिके लिखते रया...Dr. Hemant Joshihttps://www.blogger.com/profile/16739999199608014369noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5473248461039970222.post-39544059562874041972010-07-25T01:37:18.223-07:002010-07-25T01:37:18.223-07:00maza aa gayamaza aa gayaeKumaonhttps://www.blogger.com/profile/04002851657079227874noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5473248461039970222.post-33081130427329850752010-07-07T05:54:12.403-07:002010-07-07T05:54:12.403-07:00आनन्द आ गया।
हालांकि काफी लम्बी भी है।आनन्द आ गया।<br />हालांकि काफी लम्बी भी है।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5473248461039970222.post-74604982070848645892010-07-06T09:54:48.663-07:002010-07-06T09:54:48.663-07:00विवरण व चित्र देखकर अच्छा लगा.विवरण व चित्र देखकर अच्छा लगा.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5473248461039970222.post-19553095367719268982010-07-06T08:18:32.510-07:002010-07-06T08:18:32.510-07:00वृत्तांत सुन्दर और रोचक रहा. अलबत्ता पोस्ट लम्बी ...वृत्तांत सुन्दर और रोचक रहा. अलबत्ता पोस्ट लम्बी हो गयी.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5473248461039970222.post-2353110217286540862010-07-05T11:37:59.830-07:002010-07-05T11:37:59.830-07:00आज तो लगा वापिस पहाड़ पहुँच गई। बहुत सुन्दर वर्णन ह...आज तो लगा वापिस पहाड़ पहुँच गई। बहुत सुन्दर वर्णन है।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.com