जी हां! राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी कांग्रेसी हो गए हैं. नैनीताल जनपद के कांग्रेसियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हाथों में चरखा युक्त तिरंगे की बजाय अपने चुनाव चिन्ह पंजा युक्त तिरंगा थमा उन्हें कांग्रेसी बना ने की कोशिश की है। विश्वास न हो तो यह चित्र देखिये, इसे देखकर तो ऐसा ही लगता है, ख़ास बात यह है कि राज्य की भाजपा सरकार का भी इसमें कांग्रेस को मूक समर्थन लग रहा है. साफ़ कर दें कि बीती छह मार्च को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य की उपस्थिति में मुख्यालय में आयोजित प्रदेशव्यापी धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेसियों ने नगर को अपने झंडों से पात दिया था। इसी दौरान गाँधी जी के हाथ की लाठी से तिरंगा बाँध दिया गया. गाँधी जी के हाथ में राष्ट्रध्वज तिरंगा बाँधा होता तो ठीक भी था, किन्तु उनके हाथ में पार्टी विशेष का झंडा पकडाना और क्या कहा जाएगा ? खास बात यह भी है कि बीते 12 दिनों से नगर के मुख्य चौराहे गांधी चौक पर गांधी जी की लाठी पर लटका यह झण्डा खुद तो गिरने लगा है, किन्तु शा सन प्रशासन के बड़े जिला व मण्डल स्तरीय अधिकारियों की नज़रें या तो राष्ट्रपिता की ओर गई ही नहीं हैं, अथवा वह राष्ट्रपिता के इस अपमान के प्रति बिल्कुल भी सजग नहीं हैं।