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Tuesday, January 5, 2021

आज भीमताल में 'महाज्ञानी' बोले ‘उट्र-उट्र’...


एक बार ज्ञानियों को विद्योत्तमा नाम की परम विदुषी के अभिमान का मर्दन करने के लिए महामूर्ख की आवश्यकता पड़ी। उन्हें मिला एक ऐसा 'महाज्ञानी', जो जिस डाल पर बैठा था, उसी को काट रहा था। ज्ञानियों ने उसे महाज्ञानी बताकर उस विदूषी से शास्त्रार्थ करवा दिया। 'महाज्ञानी' को शास्त्रार्थ से पहले मौनव्रत करवा दिया गया, लिहाजा उसे शास्त्रार्थ में केवल इशारे करने थे। उसने विदूषी की पहले एक और दोनों आंखें फोड़ने को एक और दो अंगुलियां, फिर थप्पड़ जड़ने को पांचों अंगुलियां व आगे मुक्का दिखाया, लेकिन ज्ञानियों ने उसके इन इशारों की ऐसी व्याख्या की कि विदूषी शास्त्रार्थ हार गई और शर्त के मुताबिक उसे अपना पति बना लिया। 'महाज्ञानी' अब भी मौन व्रत में ही था, लेकिन एक दिन बाहर ऊंट को देखकर उससे रहा नहीं गया और बोला ‘उट्र-उट्र’, जबकि ज्ञानियों की भाषा में उसे बोलना था ‘उष्ट्र-उष्ट्र’। उत्तराखंड की राजनीति में भी आज भीमताल से ‘उट्र-उट्र’ की ध्वनि सुनाई दी है।

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