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Monday, February 13, 2012

वैलेंटाइन डे पर इतिहास रचने की दहलीज पर नैनीताल


जल्द गुर्राएंगे नैनीताल जू में रॉयल बंगाल टाइगर के शावक
देश में पहली बार किसी चिड़ियाघर में होगा इस तरह कारनामा
नवीन जोशी, नैनीताल। नैनीताल स्थित गोविंद बल्लभ पंत उच्च स्थलीय प्राणि उद्यान इतिहास रचने की दहलीज पर है। यह देश में पहली बार होगा जब जंगल के प्राकृतिक वास स्थल से इतर, किसी चिड़ियाघर में बाघों का जोड़ा मानवीय हस्तक्षेप के बीच अपनी नयी संतति को जन्म देगा। इसके साथ ही नैनीताल चिड़ियाघर देश में केवल 1411 बाघ ही बचे होने की दुश्चिंताओं के बीच चल रही ‘बाघ बचाओ मुहिम’ का अनूठे अंदाज में हिस्सा बनने जा रहा है। 
जनपद के जिम काब्रेट पार्क स्थित बिजरानी क्षेत्र के 10 वर्षीय नर रॉयल बंगाल टाइगर और सांवल्दे की उसी नस्ल की मादा टाइगर के बच्चे पैदा होने हैं। नर के बारे आशंका थी चार फरवरी 2009 को काब्रेट पार्क के सर्पदुली रेंज के ढिकुली गांव में भगवती देवी नाम की महिला को उसी ने मारा था। एक पखवाड़े बाद बमुश्किल उसे घायलावस्था में पकड़कर नैनीताल चिड़ियाघर उपचार के लिए लाया गया। इसी दौरान सांवल्दे क्षेत्र में रॉयल बंगाल टाइगर नस्ल की मादा वन विभाग के अधिकारियों को घायल अवस्था में मिल गई। उसे भी उपचार के लिए यहां लाया गया। इसी बीच नैनीताल चिड़ियाघर प्रशासन के मन में उनके बीच ‘वाइल्ड ब्रीडिंग’ कराने का विचार आया, लेकिन यह आसान नहीं था। एक-दूसरे के करीब आने का मौका देने व सहवास की सहमति देने के मामले में वन्य प्राणी मानव से भी कहीं अधिक उग्र माने जाते हैं। बाघों की मादाएं तो इस बारे में बदनाम ही हैं कि वह ऐसी कोशिश करने वाले अनजान नरों को संघर्ष में मार ही डालती हैं। यहां ऐसा नहीं हुआ। चिड़ियाघर प्रशासन मई माह में दोनों को एक बाड़े में ही मोटी लोहे की जाली के इधर-उधर रखने में सफल हुआ। दोनों के बीच उम्मीद से कहीं पहले प्रेम के अंकुर फूटने लगे। इस तरह चिड़ियाघर प्रबंधन दोनों के बीच गत 16 नवंबर को सहवास (मेटिंग) कराने में सफल हो गया, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश भारद्वाज ने मादा रॉयल बंगाल टाइगर के गर्भवती होने की पुष्टि कर दी है। उन्होंने बताया कि देखने से वह करीब तीन माह की गर्भवती लग रही है। इस नस्ल की मादा 93 से 111 दिनों में शावकों को जन्म देती है। एक बार में सामान्यतया दो से तीन तक शावक जन्म लेते हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही चिड़ियाघर में रॉयल बंगाल टाइगर के इस जोड़े के घर में नन्हे शावकों की गुर्राहट गूंजेंगी। इस लिहाह से वैलेंटाइन डे पर मादा बाघ को गर्ववती हुए 92 दिन हो गए हैं, और वह कभी भी खुशखबरी दे सकती है  चिड़ियाघर के निदेशक डा. पराग मधुकर धकाते भी चिड़ियाघर के नाम दर्ज होने जा रही इस सफलता के प्रति खासे उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक वास स्थल से इतर बाघों की चिड़ियाघर में ‘वाइल्ड ब्रीडिंग’ होने का देश में यह पहला मौका होगा। 
नरभक्षी नहीं नर...
नैनीताल चिड़ियाघर में जल्द पिता बनने जा रहे नर रॉयल बंगाल टाइगर के नरभक्षी होने की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन चिड़ियाघर के पूर्व निदेशक बीजू लाल टीआर इस आशंका को सही नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि इसके ‘केनन’ यानी शिकारी दांत इसे यहां लाने के दौरान बिल्कुल सही स्थिति में थे और इसे किसी प्रकार की चोट भी नहीं लगी थी।

2 comments:

  1. Nice post. These steps on part of ex situ conservation need to be strengthened and stepped up. However attempts towards conservation of tigers should be taken up in a comprehensive and integrated manner keeping the forests resources and dependent communities in the centre.

    (http://anubhootiviewsnews.blogspot.in/2012/02/tigers-or-tribals-what-to-choose-what.html )
    Mohan Chandra Pargaien

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